26 मार्च 2024: पढ़ें आज का पंचांग और मुहूर्त
सूर्योदय और सूर्यास्त II पंचांग II संवत II राशि और नक्षत्रों की स्थिति II शुभ अशुभ समय IIपंचांग और मुहूर्तII Muhurth & Panchang for March 26th
26 मार्च 2024: पंचांग के माध्यम से दिव्य ऊर्जाओं का मार्गदर्शन
अंग्रेजी में पढ़ने के लिए
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
- सूर्योदय: 06:18 AM – एक नए दिन की शुरुआत।
- सूर्यास्त: 06:36 PM – दिन का अंत।
चंद्रोदय और चंद्रस्त का समय
- चंद्रोदय: 07:37 PM – चंद्रमा रात के आकाश में चढ़ता है।
- चंद्रमास्त: 06:46 AM (27 मार्च) – चंद्रमा क्षितिज के नीचे चला जाता है।
पंचांग विवरण
- तिथि: प्रतिपदा दोपहर 2:55 बजे तक (कृष्ण प्रतिपदा), उसके बाद कृष्ण द्वितीया – कृष्ण पक्ष के चंद्र चरण।
- नक्षत्र: हस्त दोपहर 1:34 बजे तक, उसके बाद चित्रा – दिन को प्रभावित करने वाला नक्षत्र।
- करण: कौलव दोपहर 2:55 बजे तक – तिथि का एक उप-विभाजन।
- योग: ध्रुव रात्रि 10:18 बजे तक – चंद्र और सौर दिवस का गतिविधियों को प्रभावित करने वाला संयोजन।
- वार: मंगलवार – मंगल का दिन।
- पक्ष: कृष्ण पक्ष – चंद्र चक्र का कृष्ण पक्ष।
चंद्र मास और संवत प्रणालियाँ
- शक संवत्: 1945 शोभकृत – हिंदू कैलेंडर युग।
- चंद्रमास: चैत्र – पूर्णिमान्त – चंद्र चक्रों पर आधारित महीना (पूर्णिमा को संदर्भ के रूप में)।
- विक्रम संवत्: 2081 पिंगल, फाल्गुनी – अमांत – एक अन्य हिंदू कैलेंडर युग (अमावस्या को संदर्भ के रूप में)।
- गुजराती संवत्: 2080 राक्षस – एक अन्य हिंदू कैलेंडर प्रणाली।
राशि और नक्षत्रों की स्थिति
- चंद्र राशि: कन्या दोपहर 2:57 बजे तक, 27 मार्च के बाद तुला – चंद्रमा द्वारा राशि।
- नक्षत्र पाद:
- हस्त सुबह 6:51 बजे तक (तीसरा नक्षत्र पद)
- चित्रा – दोपहर 1:34 बजे से 6:17 बजे सुबह तक, 27 मार्च (प्रथम नक्षत्र पद)
- सूर्य राशि: मीन – सूर्य द्वारा राशि।
- सूर्य नक्षत्र: उत्तरा भाद्रपद
- सूर्य पाद:
- उत्तरा भाद्रपद दोपहर 2:57 बजे तक, 27 मार्च
- चित्रा – 2:57 बजे सुबह, 27 मार्च से पूरी रात तक (प्रथम नक्षत्र पद)
शुभ समय (Shubh Samay)
ब्रह्म मुहूर्त: 04:44 AM से 05:31 AM – आध्यात्मिक कार्यों के लिए आदर्श समय माना जाता है। इस समय में मन शांत और एकाग्र होता है, जिसके कारण ध्यान, पूजा, और अन्य आध्यात्मिक क्रियाओं में सफलता प्राप्त होती है।
प्रातः संध्या: 05:08 AM से 06:18 AM – प्रार्थना के लिए उपयुक्त, भोर का समय। इस समय में वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिसके कारण प्रार्थना और भक्ति भावना में वृद्धि होती है।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:02 बजे से 12:51 बजे तक – महत्वपूर्ण कार्यों को शुरू करने के लिए शुभ मुहूर्त। इस समय में ग्रहों की स्थिति अनुकूल होती है, जिसके कारण महत्वपूर्ण कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 बजे से 03:19 बजे तक – विजय या सफलता प्राप्त करने का समय। इस समय में सूर्य की ऊर्जा प्रबल होती है, जिसके कारण कार्य में उत्साह और ऊर्जा का संचार होता है।
गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:35 बजे से 06:58 बजे तक – गायों की संध्या, प्रार्थना करने के लिए उपयुक्त। इस समय में गायों को पूजा जाता है और प्रकृति की सुंदरता का अनुभव होता है।
सायण संध्या: शाम 06:36 बजे से 07:46 बजे तक – शाम का समय, प्रार्थना और ध्यान के लिए उपयुक्त। इस समय में मन शांत होता है और आत्मचिंतन के लिए अनुकूल वातावरण बनता है।
अमृत काल: 06:50 AM से 08:37 AM – अत्यंत शुभ और लाभकारी समय। इस समय में किए गए कार्य निश्चित रूप से सफल होते हैं।
निशीथ मुहूर्त: 12:03 AM, 27 मार्च से 12:50 AM, 27 मार्च – मध्यरात्रि का शुभ समय। इस समय में किए गए आध्यात्मिक कार्य अत्यंत फलदायी होते हैं।
द्वि पुष्कर योग: 02:55 PM से 06:17 AM, 27 मार्च – अत्यंत शुभ योग, जो धन, समृद्धि और सफलता प्रदान करता है।
अशुभ समय (Ashubh Samay)
राहु काल: 03:31 PM से 05:04 PM – अशुभ समय, महत्वपूर्ण कार्यों से बचें। इस समय में किए गए कार्य में बाधाएं और असफलता का सामना करना पड़ सकता है।
यमगंड: 09:22 AM से 10:55 AM – मृत्यु के देवता से जुड़ा समय, महत्वपूर्ण कार्यों से बचें। इस समय में किए गए कार्य में नकारात्मकता और विनाश का प्रभाव हो सकता है।
आदल योग: 01:34 PM से 06:17 AM, 27 मार्च – बाधाओं और विरोध का समय। इस समय में किए गए कार्य में अड़चनें और परेशानियां आ सकती हैं।
दुर्मुहूर्त: 08:45 AM से 09:35 AM – अशुभ समय, नई शुरुआत से बचें। इस समय में किए गए कार्य में विफलता और निराशा का सामना करना पड़ सकता है।
गुलिक काल:
* 12:27 PM से 01:59 PM – नकारात्मक प्रभाव का समय, महत्वपूर्ण कार्यों से बचें।
* 11:16 PM से 12:03 AM, 27 मार्च – देर रात का अशुभ समय, नई शुरुआत से बचें।
वर्ज्य: 10:28 PM से 12:14 AM, 27 मार्च – गतिविधियों से बचने का समय, विशेष रूप से सामाजिक कार्यक्रम आदि से बचें।